कविता
शब्दों को
मन की गीता का
मनन करने दो तो
सुनने वाला और कहने वाला
दोनो ही चख लेते हैं अमृत
निकल जाता है पथिक
दुर्गम राह से भी
शब्द जो निकलते हैं
मन की गीता का
मनन करते हुए !!!
शब्दों को
मन की गीता का
मनन करने दो तो
सुनने वाला और कहने वाला
दोनो ही चख लेते हैं अमृत
निकल जाता है पथिक
दुर्गम राह से भी
शब्द जो निकलते हैं
मन की गीता का
मनन करते हुए !!!