कविता

अगली पीढ़ी का बोझ कौन उठाएगा

आग लगाने वाले आग लगा चुके
पर इल्ज़ाम हवाओं पे ही आएगा

रोशनी भी अब मकाँ देखे आती है
ये शगूफा सूरज को कौन बताएगा

बाज़ाए में कई”कॉस्मेटिक”चाँद घूम रहे
अब आसमाँ के चाँद को आईना कौन दिखाएगा

नदी,नाले,पोखर,झरने सभी खुद ही प्यासे
तड़पती मछलियों की प्यास भला कौन बुझाएगा

धरती की कोख़ में है मशीनों के ज़खीरे

क्यों नींद आती नहीं घासों पे,कौन समझाएगा

सिर्फ फाइलों में ही बारिश होती रहेगी
या सचमुच कोई बादल पानी भी देके जाएगा

मोबाइलों से चिपटी लाशें ही बस घूम रहीं
ऐसे दौर में अगली पीढ़ी का बोझ कौन उठाएगा

सलिल सरोज

*सलिल सरोज

जन्म: 3 मार्च,1987,बेगूसराय जिले के नौलागढ़ गाँव में(बिहार)। शिक्षा: आरंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल, तिलैया, कोडरमा,झारखंड से। जी.डी. कॉलेज,बेगूसराय, बिहार (इग्नू)से अंग्रेजी में बी.ए(2007),जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय , नई दिल्ली से रूसी भाषा में बी.ए(2011), जीजस एन्ड मेरी कॉलेज,चाणक्यपुरी(इग्नू)से समाजशास्त्र में एम.ए(2015)। प्रयास: Remember Complete Dictionary का सह-अनुवादन,Splendid World Infermatica Study का सह-सम्पादन, स्थानीय पत्रिका"कोशिश" का संपादन एवं प्रकाशन, "मित्र-मधुर"पत्रिका में कविताओं का चुनाव। सम्प्रति: सामाजिक मुद्दों पर स्वतंत्र विचार एवं ज्वलन्त विषयों पर पैनी नज़र। सोशल मीडिया पर साहित्यिक धरोहर को जीवित रखने की अनवरत कोशिश। आजीविका - कार्यकारी अधिकारी, लोकसभा सचिवालय, संसद भवन, नई दिल्ली पता- B 302 तीसरी मंजिल सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट मुखर्जी नगर नई दिल्ली-110009 ईमेल : [email protected]