बेटी
बेटी क्यो नही चाहिए?
माँ चाहिए
पत्नी चाहिए
प्रेमिका चाहिए
बहन चाहिए
तो फिर बेटी क्यू नहीं चाहिए?
बेटी अभिशाप नहीं वरदान है
बेटी सृष्टि का मूल आधार है
बेटी संस्कृति की संवहक हे
बेटी सभ्यता की पालनहार हे
बेटी ईश्वर की अनुकंपा है
बेटी एक अनमोल धरोहर है
बेटी पिता की शान है
बेटी बाग का फूल हे
बेटी घर की शान है
बेटी दो घर सजाती है
बेटी भाई का प्यार हे
बेटी दिव्य शक्ति हे
बेटी ही संसार की भक्ति हे
बेटी दुनिया बढ़ाती है
बेटी प्यार का समंदर हे
— डॉ गुलाब चंद पटेल