पतंग
ज़िन्दगी इक पतंग हो तो
चलेगा वह दूर तक
टूट गया धाग कहीं पर
तो टूटा समझो बंधन
तेज़ आंधी जब आए तो
दुष्कर समझो जीवन
लोग, मित्र, माँ -बाप सभी ने
जोड़े है जो रंग बदन पे
भीग जाए तो मेघ के जल से
फिर भी न भूलो उनके नाम
— वत्सला सौम्या
ज़िन्दगी इक पतंग हो तो
चलेगा वह दूर तक
टूट गया धाग कहीं पर
तो टूटा समझो बंधन
तेज़ आंधी जब आए तो
दुष्कर समझो जीवन
लोग, मित्र, माँ -बाप सभी ने
जोड़े है जो रंग बदन पे
भीग जाए तो मेघ के जल से
फिर भी न भूलो उनके नाम
— वत्सला सौम्या