राजनीति

एक पाती राहुल बचवा के नाम

प्रिय पप्पू,
आज बहुत दिनों के बाद तोहरे पास पाती पेठा रहे हैं। का करीं बचवा, हम भी चुनाव के नतीजों का तोहसे कम बेचैनी से इन्तज़ार नहीं कर रहे थे। सोचे थे कि तुम जीतोगे तो जोरदार बधाई देंगे, लेकिन ई मोदिया सब तहस-नहस कर दिया। पिछले विधान सभा चुनाव में तुम्हारे कुर्ते का पकिटवे फड़वा दिया और इस चुनाव में पयजमवा भी उतरवा लिया। ऊ त भला हो वायनाड का कि तुम्हारी लंगोट बच गई, वरना वह कनाट प्लेस में तोके लंगटे घूमने के लिए मज़बूर कर देता। बचवा हमके VVPAT पर बहुत भरोसा रहा लेकिन एको VVPAT और EVM में गड़बड़ी नहीं मिली। एको में कुछ मिल जाता तो दुबारा चुनाव कराने की डिमांड तो तुम कर ही देते; बनारस में हम मोर्चा संभालते, फिर येचुरिया, नयडुआ, ललुआ का बेटा, हथिनी माया, टोंटीचोर अखिलेश और थप्पड़खाऊ केजरिया तो हमारे पीछे आ ही जाते। लेकिन उहो नहीं हुआ। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और कर्नाटक में तो अपनी ही सरकार थी। तोहार कन्ट्रोल कुछ ढीला पड़ता नजर आ रहा है। एको मुख्यमन्त्री VVPAT और EVM में तनिको Discrepancy कराने में कामयाब नहीं रहा। सब कागज के शेर साबित हुए। तुम सहिए पप्पू हो। न बाल-बच्चा आ ना मेहरारू। किसके लिए अरबों-खरबों बचाए हो? इस काम का ठेका अगर ममता को ही दे देते, तो वह कर देती, काहे कि शारदा चिट घोटाले का पैसा अब खत्म हो गया है। एक वही है जो मोदी को झांपड़ मारने की घोषणा कर सकती है और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या से लेकर VVPAT तथा EVM में कुछ गड़बड़ी करने का साहस कर सकती है। ई बात भी सांच है कि दिन भर चिचियानी एक्को बच्चा ना बियानी। लेकिन वह गंभीर प्रयास तो कर ही सकती थी। लेकिन तुम हमारी सलाह मांगते ही नहीं। तुम तो फ़्रेन्च कट वाले सैम पित्रोदा और मणि शंकर अय्यर की बात मानते हो। बुढ़वा पित्रोदवा और इमरान का यार अय्यरवा तुम्हारी लंगोट भी उतरवा के मानेंगे। अब सबकुछ भूलकर मोदी से मिलो और पैर छूकर माफ़ी मांग लो। वह शरणागत की उसी तरह रक्षा करता है जिस तरह प्रभु राम ने विभीषण की की थी। अगर अइसा नहीं करोगे तो बडरवा जीजा, छूईमुई बहिनिया प्रियंका और महतारी के साथे-साथे तोके भी तिहाड़ जेल में चक्की पीसे के पड़ी।
बचवा ई गाली-गलौज की भाषा छोड़ दो। तुमने मोदी को चोर कहा और जनता ने उसे फिर से चौकीदार बना दिया। बचवा, अमेठी में ई का भया? समाचार है कि तुम एक ईरानी मेहरारू से हार गए। बताव, मेहरारुओ से कोई लात खाता है? तुम्हारी महतारी इटालियन होकर भी एको बार नहीं हारी और तुम्हारी पैंट एक ईरानी औरत के आगे ढीली हो गई। पाती खत्म करने के पहले हमहूँ एक सलाह देना चाह रहा हूँ। कभी-कभी मेहरारू के भाग्य से भी मरद का भाग्य जाग जाता है। अब तुम्हारी जवानी भी ढलान पर है। बाणप्रस्थ के किनारे खड़े हो। ई दुर्लभ जवानी बर्बाद करने से कवनो फायदा नाहीं। तुम तो नेता विपक्ष भी नहीं बन सकते। खलिहर टाइम का क्या करोगे? कही इधर-उधर मुंह मारो और पकड़े गए तो मुंह दिखाने के भी काबिल नहीं रहोगे। मोदिया के जासूस बड़े पक्के हैं। अब देसी या बिदेसी, कवनों से बियाह कर लो। बस इतना ध्यान रखना की लड़की मोनालिसा जइसन खूबसूरत हो। एसे दुइ गो फायदा होई। एक त तोहरे देह में हरदी लाग जाई आ दूसरे कि प्रियंका के वर्क लोड भी कम हो जाई। प्रियंका की उम्र भी अब ढल रही है। कबतक मनचलों की भीड़ को रोड शो में खींच पाएगी? जनता फ़्रेश मेटेरियल चाहती है। कोट पर जनेऊ और कैलाश मानसरोवर की कृपा होगी तो शायद काम भी बन जाय़। इस मामले में अपने दोस्त इमरान खान की सलाह भी ले सकते हो। क्या छांट-छांट कर बिवियां ले आता है!
अब एसे जियादा का लिखीं। थोड़ा लिखना ज्यादा समझना। भौजी को हमारी ओर से राम-राम कह देना।
इति। कुशल।
तोहार शुभाकांक्षी
चाचा बनारसी

बिपिन किशोर सिन्हा

B. Tech. in Mechanical Engg. from IIT, B.H.U., Varanasi. Presently Chief Engineer (Admn) in Purvanchal Vidyut Vitaran Nigam Ltd, Varanasi under U.P. Power Corpn Ltd, Lucknow, a UP Govt Undertaking and author of following books : 1. Kaho Kauntey (A novel based on Mahabharat) 2. Shesh Kathit Ramkatha (A novel based on Ramayana) 3. Smriti (Social novel) 4. Kya khoya kya paya (social novel) 5. Faisala ( collection of stories) 6. Abhivyakti (collection of poems) 7. Amarai (collection of poems) 8. Sandarbh ( collection of poems), Write articles on current affairs in Nav Bharat Times, Pravakta, Inside story, Shashi Features, Panchajany and several Hindi Portals.