उठो आर्य
उठो आर्य के श्रेष्ठ मनुज, अपना अंतर्मन खोलो भारत के भवितव्य आज, अपने मुख से तो बोलो। तुम राम कृष्ण
Read Moreमुस्कान की मुस्कान वापिस लौट आई थी. पढ़ाई में भी उसका मन लगने लगा था. कैसे हुआ यह सब! मुस्कान
Read Moreसुबह हर घर के दरीचों में चहकती चिड़िया दिन के आग़ाज़ का पैग़ाम है देती चिड़िया। फ़सल पक जाने की
Read Moreपरि+ आवरण शब्दों की संधि करने पर पर्यावरण शब्द बनता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है जो परित: (चारों ओर) आवृत
Read Moreस्वामी श्रद्धानन्द अविभाजित भारत में कांग्रेस के ऐसे पहले सदस्य है जिन्होंने कांग्रेस से इस कारण से त्यागपत्र दे दिया
Read Moreगाँव उजड़ वीरान हो गये बूढ़े,बच्चे परेशान हो गये नदी,जलाशय सूख गए मानो आकाश में समा गए।। जल की रानी
Read Moreदिलों की धड़कनें अब भी तुम्हारा नाम लेती हैं तड़पने का तेरे ग़म में यही ईनाम देती हैं। अजब का
Read Moreसदाचार की परिधान है हर घर की मुस्कान है जीत की संगीत है बेटी हर रीति है।। बेटी की रूप
Read Moreसुनहरी भोर बागों में, बिछाती ओस की बूँदें! नयन का नूर होती हैं, नवेली ओस की बूँदें! चपल भँवरों की
Read Moreवर्षा रुपी कुदरत तांडव को शब्द चित्र में कहते हैं। ब्लाक करौंदी की सुनलो हम सत्य कहानी कहते हैं।। बड़े
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