विद्यावाचस्पति उपाधि से अलंकृत हुए कवि राजेश पुरोहित एवं कवि तेजराम नायक तेज
भवानीमंडी:- साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली की ओर से 22 दिसम्बर रविवार को इंदौर में आयोजित हुए वार्षिकोत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से साहित्य सेवा से जुड़ी महान हस्तियों को सम्मानित किया गया जिसमें साहित्य संगम संस्थान के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राजेश पुरोहित जी एवं साहित्य संगम संस्थान छंदशाला के संचालक एवं संगम सवेरा मासिक ई पत्रिका के संपादक रायगढ़ के कवि श्री तेज राम नायक तेज जी को विद्यावाचस्पति (डॉक्ट्रेट) की मानद उपाधि से गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में डॉ. आचार्य भानुप्रताप वेदालंकार जी ने सम्मानित किया। समारोह में संस्थान से प्रकाशित काव्यमेध व वसुधैव कुटुम्बकम, चन्द्रयान -2 जो कुमुद श्रीवास्तव वर्मा जी द्वारा संपादित है सहित कई पुस्तकों का विमोचन आदरणीय भानु प्रताप वेदालंकार जी व कवि राजेश पुरोहित जी के कर कमलों से हुआ।
समारोह में साहित्य सेवा से जुड़े देश के विभिन्न प्रान्तों से पधारे साहित्यकारों को विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया गया, साथ ही साथ कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारों में महेश राठौर सोनू को श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, रविशंकर तिवारी, नवीन भट्ट, बाबा कल्पनेश, टी आर चौहान, आरती डोंगरे, अजय मंडलोई, राजेश तिवारी रामू,आदि उपस्थित साहित्यकारों को साहित्य प्रचारक, साहित्य मनीषी, दोहाचार्य, छंदचार्य, श्रेष्ठ सम्पादक, समीक्षक, साहित्य वीर सम्मान, श्रेष्ठ संपादिका,काव्यमेध, श्रेष्ठ रचनाकार, सवैया सिद्ध सम्मान सहित अन्य कई सम्मानों से सम्मानित किया गया ।
विदित हो कि साहित्य संगम संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़े साहित्यकारों में से चयनित साहित्यकारों को संस्थान के त्रिस्तरीय चयन समिति और अकादमिक परिषद की अनुशंसा पर उनके सुदीर्घ हिन्दी सेवा,सारस्वत साधना,सामाजिक , साहित्यिक एवं कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों,शैक्षिक प्रदेयों,महनीय शोधकार्यों तथा राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर विद्यावाचस्पति(डॉक्ट्रेट) की मानद उपाधि प्रदान करती है।
राजेश पुरोहित जी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान एवं कवि तेजराम नायक तेज ग्राम/पो. – आमगांव, तहसील – तमनार,जिला – रायगढ़ छत्तीसगढ़ के रहने वाले तथा पेशे से शिक्षक हैं। उपर्युक्त दोनों साहित्यकारों को इस उपाधि हेतु चयनित होने पर संस्थान के अध्यक्ष आ0 राजवीर सिंह मंत्र जी, सचिव आ0 कविराज तरुण जी, कोषाध्यक्ष श्रीमती छाया सक्सेना प्रभु जी एवं अन्य पदधिकारियों ने इस व हार्दिक बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है एवं इनके उज्जवल साहित्यिक भविष्य हेतु शुभकामनाएं दी है।