कविता

हिंदी

इंसान को इंसान से मिलाती है हिंदी
गैरों के बीच अपनों का एहसास
कराती है हिंदी !!

एक साज़, एक उमंग है हिंदी
समुन्द्र की लहरों से भी तेज,
तिरंगे की शान है हिंदी !!

सुरों को राग से मिलाती है हिंदी
सरगम की धुनों से भी तेज,
स्वरों का ताज है हिंदी !!

अँधेरे में चांदनी रात है हिंदी
अनंत काल तक न मिटने वाली,
एक पहचान है हिंदी !!
एक पहचान है हिंदी !!

— के एम् भाई
M-9838775508

के.एम. भाई

सामाजिक कार्यकर्त्ता सामाजिक मुद्दों पर व्यंग्यात्मक लेखन कई शीर्ष पत्रिकाओं में रचनाये प्रकाशित ( शुक्रवार, लमही, स्वतंत्र समाचार, दस्तक, न्यायिक आदि }| कानपुर, उत्तर प्रदेश सं. - 8756011826