गीत/नवगीत

सरसी छन्द होली गीत – सब मिल खेलो रंग

फागुन की छायी बहार है ,सब मिल खेलो रंग ।
हर सू बिखरा रंग केसरी ,मनवा हुआ मलंग ।
होली खेलें कुँवर कन्हाई ,करें हास परिहास ।
चुपके से राधा रंग दीन्हि ,श्याम रंग में खास ।
राधे बन मतवारी झूमें ,सांवरिया के संग ।।
हर सू बिखरा रंग केसरी——–
धूम मची है  गाँव गली  में ,रंगो  की  बौछार ।
पिचकारी ले नुक्कड़ नुक्कड़ ,मस्तों की भरमार।
सराबोर  सब आज  रंग में ,मन  मे  भरे  उमंग ।
हर सू बिखरा रंग केसरी……
इंद्र धनुष के रंग गगन में ,उड़े अबीर गुलाल ।
होली खेलो बन हमजोली ,मन से मिटा मलाल ।
खतम करें हम चलो प्रेम से ,नफरत की हर जंग ।
हर सू बिखरा रंग केसरी……
— रीना गोयल

रीना गोयल

माता पिता -- श्रीओम प्रकाश बंसल ,श्रीमति सरोज बंसल पति -- श्री प्रदीप गोयल .... सफल व्यवसायी जन्म स्थान - सहारनपुर .....यू.पी. शिक्षा- बी .ऐ. आई .टी .आई. कटिंग &टेलरिंग निवास स्थान यमुनानगर (हरियाणा) रुचि-- विविध पुस्तकें पढने में रुचि,संगीत सुनना,गुनगुनाना, गज़ल पढना एंव लिखना पति व परिवार से सन्तुष्ट सरल ह्रदय ...आत्म निर्भर