ब्लॉग/परिचर्चा

खुशियों की बेला आई: जन्मदिन की बधाई

(सभी सम्माननीय पाठकों के लिए एक विशेष उपहार के साथ)
प्रिय पोते आरोह,
जन्मदिन मुबारक हो,

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आज 8 जुलाई आपका जन्मदिन है. सबसे पहले आपको Happy birthday.
”खुशियों की बेला आई, जन्मदिन की बधाई,
बड़े प्यार से अपना जन्मदिन मनाओ,
खूब मेहनत करो और आगे बढ़ो,
खुशियों के सजीले सुमन खिलाओ.”

कोरोना के कारण आजकल सब जगह लॉकडाउन चल रहा है. आशा है, आप सब लोग भी पूरी एहतियात बरतते होंगे-

1.चेहरे पर मास्क लगाना अत्यंत आवश्यक है और लाभदायक भी.

2.शारीरिक दूरी (social distance) रखना. social distance को मीडिया में सामाजिक दूरी कहा जा रहा है. social distance में केवल शारीरिक दूरी ही रखनी है, इसके लिए कहा गया है-
”दो गज दूरी,
है बहुत जरूरी.”
भावनात्मक दूरी नहीं रखनी है. आपस में नेट से सम्पर्क करते रहो, बातचीत करते रहो, बस शारीरिक रूप से दूरी बनाए रखो.

3.बार-बार 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोना. इससे कोरोना वायरस को पनपने का मौका नहीं मिलेगा.

4.बिना जरूरत के घर से बाहर न निकलना आदि ऐसे ही सामान्य आवश्यक नियम है, जिनका अनुपालन करने से कोरोना से खुद को भी बचाया जा सकता है, औरों का भी बचाव किया जा सकता है.

5.जरूरत पर ध्यान आया, किसी जरूरतमंद की मदद अवश्य करना. जरूरतमंद की मदद करना इंसानियत का तकाजा है.

6.योग और व्यायाम अवश्य करते रहना. योग नीरोग बनाए रखता है.

`
नोबेल प्राइज विजेता लुईस जे. इग्नैरो की एक बात मुझे बहुत पसंद आई. लुईस ने कहा है- ”यदि सांस लेने के दौरान हम अपनी नाक से सांस लें और सांस छोड़ने के लिए मुंह को खोलें तो यह हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक रहेगा. इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को मारने में यह काफी मददगार रास्ता साबित होगा. इस तरह से सांस लेने से नासिका के द्वारा निट्रिक (Nitric) ऑक्साइड का उत्पादन होता है जो सीधे आपके फेफड़ों तक पहुंचेगा. यह आपके ब्लड फ्लो को बढ़ा देता है और साथ ही साथ आपके खून में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ जाती है. इसके कारण फेफड़ों में कोरोना वायरस के रिप्लिकेशन को ब्लॉक करने में मदद मिलती है.”

आप तो नेट के रसिया हो और एक अच्छे रिसर्चर भी, इसके बारे में या किसी अन्य विषय में अच्छी-खासी रिसर्च कर सकते हो. इससे समय का सदुपयोग भी होगा और जन-कल्याण भी.

कोरोना और लॉकडाउन के कारण दुनिया की अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभाव पड़ा है. बहुत-से लोग बेरोजगार हो गए हैं. हमारे पड़ोस का एक युवक भी बेरोजगार हो गया है, वह ऑनलाइन जर्मन भाषा सीख रहा है. आप तो जर्मन भाषा के विशेषज्ञ हो, कोई और भाषा सीख सकते हो.

अपने घर के ग्राउंड में आपका फुटबाल खेलना भी सेहत के लिए अच्छा प्रयास है.

संकल्प, संयम और संतुलन किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संजीवनी मंत्र हैं. इस मंत्र से किसी भी संकट से पार पाना असंभव नहीं, कोरोना भी चला जाएगा, बस धैर्य से अपने आत्मबल को जगाए रखो.

आप इस समय किशोरावस्था में हैं. किशोरावस्था अल्हड़पने की अवस्था है. इस समय किशोर-किशोरियों के हारमोन्स में परिवर्तन आता है. यही अवस्था अपने भविष्य को संवारने में अहम भूमिका अदा करती है. इसलिए ध्यान से रहना.
ऑस्ट्रेलिया में तो इस आयु में आप पार्ट टाइम जॉब भी कर सकते हैं. आपको तो दादी की तरह पढ़ाने का बहुत शौक है. आजकल लॉकडाउन के कारण स्कूली शिक्षा भी ऑनलाइन हो रही है. आप भी अपने प्रिय विषय गणित पर ऑनलाइन क्लास ले सकते हो. कोई और मनपसंद काम भी कर सकते हो. अपनी गिटार की प्रैक्टिस के लिए बहुत समय निकाल सकते हो. बताना कि क्या सोचा है? आपने बहुत-सी नई-नई कविताएं लिखी होंगी. हमें भी भेजना और कभी फोन पर सुनाना भी.

हमने आपको आशीर्वाद देते हुए लिखा है- ”खूब मेहनत करो और आगे बढ़ो.” आगे बढ़ने के अवसर कभी अनायास मिल जाते हैं, कभी झटकने पड़ते हैं. मैं आपको अपना एक मजेदार अनुभव बताती हूं.

आज से ग्यारह साल पहले हमने आपके जन्मदिन पर एक कविता लिखी थी, जिसको बहुत लोकप्रियता मिली थी. एक दिन हम गूगल पर कुछ सर्च कर रहे थे, कि एक साइट खुल गई-

”काव्यालय (संग्रह: अनुकना साहा)”

उसमें वही कविता दिखाई दी. यह चोरी की हुई कविता नहीं थी. अनुकना साहा ने बाकायदा मेरा नाम-पत्ता लिखा था. मजे की बात यह थी, कि इस संग्रह में अनेक जाने-माने नए-पुराने कवियों की लोकप्रिय कविताएं संकलित हैं. यहां अपनी कविता देखकर हमारा खुश होना स्वाभाविक था. बाद में हमारी कुछ कविताएं चोरी भी हो गईं. हमने सोचा- ”काव्यालय की तरह क्यों न जाने-माने नए-पुराने कवियों की लोकप्रिय कविताओं का एक कविता-संग्रह बनाया जाए!” हमने अवसर को झटका और अपने ब्लॉग पर ”सदाबहार काव्यालय” शुरु कर दिया. अब तो ”सदाबहार काव्यालय” की दो ई.बुक्स बन चुकी हैं. पाठकों के आग्रह-अनुग्रह पर तीसरे ”सदाबहार काव्यालय” के शुरु होने की तैयारी चल रही है. आप भी ऐसे ही सचेत-जागरुक रहो और अवसर झटकना सीखो. याद रखना-

”आनंद के लिए कभी कल नहीं होता,
वह हमेशा वर्तमान में होता है.”

”Alphabet ‘O’ stands for ‘OPPORTUNITY’
which is absent in ‘YESTERDAY’,
available in ‘TODAY’ and thrice in ‘TOMORROW’.
Never Lose ”HOPE”.”

मन में आशा की किरण जगाए रखो. याद रखना-

”E.N.D. मतलब एफर्ट नेवर डाई-
प्रयास कभी नहीं बेकार नहीं जाते.”

नया काम सीखने-करने में आपकी बहुत रुचि है, आजकल क्या-क्या नया काम सीखा-किया है अवश्य बताना. कोई नया ब्लॉग लिखा हो या कोई नया ”कम्प्यूटर गेम” बनाया हो तो बताना. नए-नए काम करते हुए इसी तरह आगे बढ़ते रहो. एक बार पुनः आपको जन्मदिन की कोटिशः बधाइयां और शुभकामनाएं.

हमने आपका जन्मदिन मनाने के लिए बड़े मन से एक जन्मदिन-भावगीत गाया है. उसका लिंक दे रहे हैं, सुनकर बताना कैसा लगा-

जन्मदिन तेरा आया है , हम तो खुशियां मनाएंगे
प्रभु ने मौका दिया है तो, मौका नहीं गंवाएंगे

आपके जन्मदिवस के शुभ अवसर पर सभी सम्माननीय पाठकों के लिए एक विशेष उपहार ”सदाबहार शिशु गीत-संग्रह- ई, बुक” का लिंक भी दे रहे हैं-

सदाबहार शिशु गीत-संग्रह

प्रिय आरोह-
”जन्मदिन मुबारक हो, जन्मदिन मुबारक हो,
हर राह आसान हो,
हर राह पे खुशियां हों,
हर दिन ख़ूबसूरत हो,
ऐसा ही पूरा जीवन हो,
यही हर दिन हमारी दुआ हो,
ऐसा ही तुम्हारा हर जन्मदिन हो….”

शुभ आशीर्वाद के साथ,
-दादी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “खुशियों की बेला आई: जन्मदिन की बधाई

  • लीला तिवानी

    प्रिय पोते आरोह के जन्मदिन पर 2009 में एक कविता ”गीत खुशी के गाता रहे॥// नवभारत टाइम्स और नवभारत टाइम्सके पाठक पन्ना में प्रकाशित हुई. इस पर नवभारत टाइम्स के एडीटर महोदय की टिप्पणी थी- ”नई दिल्ली से हमारी रीडर लीला तिवानी ने यह खूबसूरत कविता भेजी है, अपनी शुभकामनाओं को उन्होंने यूं बयां किया है..” तब नवभारत टाइम्स में लेखक का पता भी छपता था. बाद में इसी कविता से ”सदाबहार काव्यालय” का सृजन हुआ. इसकी कहानी फिर कभी.

  • लीला तिवानी

    प्रिय पोते आरोह,
    ”शुभ हो मंगल कारक हो,
    जन्मदिन आपको मुबारक हो,
    अज्ञान-तिमिर हारक हो,
    आनंद का विस्तारक हो,
    समृद्धि का सूर्य उदय हो,
    सुख-सम्पदा प्रदायक हो.”

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