गीत/नवगीत

बधाई गीत

जन्मभूमि परम सुखदाई

पूजित होगी रघुराई
मंगल दीप जले हैं
घर-घर फिरेगी राम दुहाई
सज रही है फिर से
अयोध्या नगरी पुण्यदाई
देख देख तैयारी
सरजू मैया मुस्काई
राम काज करने को आतुर
गड़ी भवन में रौनक छाई
जन्म भूमि पूजित होती है
हनुमत जी तुमको हो बधाई
सावन बरसा बादल गरजे
मणि पर्वत बसंत छाई
होकर प्रसन्न मुद्रा में आज
झूला झूले सीता माई
ढोल नगाड़े नौबत बाजे
घर घर खुशियां छाई
आओ हम भी दीप जलाए
भूमि पूजन की शुभ घड़ी आई
सभी रामराज प्यासों को
बधाई हो ,हो बधाई

— सुनीता द्विवेदी

सुनीता द्विवेदी

होम मेकर हूं हिन्दी व आंग्ल विषय में परास्नातक हूं बी.एड हूं कविताएं लिखने का शौक है रहस्यवादी काव्य में दिलचस्पी है मुझे किताबें पढ़ना और घूमने का शौक है पिता का नाम : सुरेश कुमार शुक्ला जिला : कानपुर प्रदेश : उत्तर प्रदेश