माँ के चरणों में भक्त का विनम्र निवेदन
होंठों पे बस तेरा ही नाम है माँ,
तुझे इक पल तो आना पड़ेगा,
ग़म किसको सुनाऊँ मैं मइया,
अब तुझको तो सुनना पड़ेगा।
होंठों पे बस तेरा ही नाम है माँ…
मेरा तेरे सिवा कौन है माँ,
तेरी दासी ने तुझको पुकारा,
रूठ जाना न मुझसे तू मइया,
नहीं तो तुझको मनाना पड़ेगा।
होंठों पे बस तेरा ही नाम है माँ……….
मेरी किश्ती है मझदार में माँ,
बैठी हूँ मैं तेरे इंतज़ार में माँ,
सारी दुनिया की दाती है तू,
तुझे ही आगे पार लगानी पड़ेगी।
होंठों पे माँ ……….
दासी तेरी बहुत दूर आ गई माँ,
तेरे दर पे वर पा गई माँ,
आशा पूरी तू करती है माँ,
तेरा ध्यान लगाना ही पड़ेगा।
होंठों पे बस तेरा ही नाम है माँ …………
भक्ति गीत
नूतन गर्ग (दिल्ली)