कविता

चंबलघाटी

शौर्य और पराक्रम की पहचान है चंबलघाटी,
बीहड़ों के सौंदर्य वाली प्रसिद्ध है चंबलमाटी |

आकर्षक कलाक्रतियाँ बिखेरती चंबल,
धरापुत्र के हृदय को गुदगुदाती चंबल |

ऐतिहासिक है मुस्कराती चंबल की कहानी,
बड़ा निर्मल-शीतल अमृत सा चंबल का पानी |

प्राचीन सभ्यता को समेटे चलचित्र सी चंबल,
उमंग-उत्साह से हरदम लबालब रहती चंबल |

नित कल-कल बहती, दामन में कुछ घाव लिए चंबल,
खेत, गाँव, जंगल, जीव-जन्तु सबको सँवारती चंबल |

प्राकृतिक संसाधन बहुतेरे हैं हमारी चंबलघाटी में,
संरक्षित हो चंबल क्षेत्र, स्वर्ण भरा है चंबलमाटी में |

ऊँच-नीच की सब दीवारें अब तोड़ चुकी चंबल,
सभ्य समाज की निर्मलधारा लेकर आई चंबल |

आओ साथी अपनी चंबल संस्कृति को समझें,
मानव हैं हम, जाति-धर्म, मजहब में न उलझें |

शौर्य और पराक्रम की पहचान है चंबलघाटी,
बीहड़ों के सौंदर्य वाली प्रसिद्ध है चंबलमाटी |

— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111