कविता

उनकी पहली शायरी

उनकी अनमोल क्षमता,

कड़ी लगन

और शब्दों की कला की

एक विशिष्ट शैली थी,

जिसने बहुत जल्दी

और बहुत अच्छी तरह से

जनता के बीच

लोकप्रिय बना दिया।

राहत साहेब ने

बहुत जल्दी ही

लोगों के दिलों में

अपने लिए

एक खास जगह बना लिया

और तीन से चार साल के भीतर ही

उनकी कविता की खुशबू ने

उन्हें उर्दू साहित्य की

दुनिया में

एक प्रसिद्ध शायर बना दिया था।

वह न सिर्फ पढ़ाई में प्रवीण थे,

बल्कि खेलकूद में भी प्रवीण थे,

वे स्कूल और कॉलेज स्तर पर

फुटबॉल और हॉकी टीम के

कप्तान भी थे।

वह केवल 19 वर्ष के थे,

जब उन्होंने

अपने कॉलेज के दिनों में

अपनी पहली शायरी सुनाई थी।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.