कविता

एक अनमोल रिश्ता

हाँ एक रिश्ता है तुम्हारे साथ,…..
बड़ा ही पावन पवित्र ”दोस्ती का रिश्ता”
जानते  हो न…….
दोस्ती कोई शब्द नहीं,…..
जिसका अर्थ मैं तुम्हे समझा सकूँ,…..
ये एहसास का रिश्ता होता है,….
ये विश्वास का रिश्ता होता है,….
ये त्याग और समर्पण का रिश्ता होता है,….
ये वफ़ा का रिश्ता होता है,…..
ये हर रिश्ते से ऊपर….
दिल से दिल का रिश्ता होता है,….
कभी शक ना करना मेरे रिश्ते पे,….
चाहें दूरियां कितनी भी हो,……
दरमियाँ नहीं होता इस रिश्ते में,…..
नोक,झोंक रूठना मनाना सब कुछ चलता है
दोस्त ऊपर वाले का दिया हुआ
एक अनमोल उपहार है,….
सच्चा दोस्त शायद सबके नसीब में नहीं होता,…
एक सच्चा दोस्त वही होता है,
जो दुःख के घडी में आपके साथ हो,,…
मुश्किलों में वो आपका हमराज़ हो,…..
जब भी क़दम लड़खड़ाए,….
बढ़ के थाम ले हाँथ आपका,…
आखिरी सांस तक निभाए रिश्ता,…
कभी ना छोड़े साथ आपका!!
सुनो तुम भी निभा जाना
ये पावन पवित्र दोस्ती का रिश्ता!!
— मणि बेन द्विवेदी

मणि बेन द्विवेदी

सम्पादक साहित्यिक पत्रिका ''नये पल्लव'' एक सफल गृहणी, अवध विश्व विद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर एवं संगीत विशारद, बिहार की मूल निवासी। एक गृहणी की जिम्मेदारियों से सफलता पूर्वक निबटने के बाद एक वर्ष पूर्व अपनी काब्य यात्रा शुरू की । अपने जीवन के एहसास और अनुभूतियों को कागज़ पर सरल शब्दों में उतारना एवं गीतों की रचना, अपने सरल और विनम्र मूल स्वभाव से प्रभावित। ई मेल- manidwivedi63@gmail.com