कविता

ईश्वर की सौगात

 

ईश्वर की सौगात हमारी,
ये नन्ही सी गुड़िया
खुशियाँ देती जी भर भर कर ,
ये खुशियों की पुड़िया

ठुमक ठुमक कर चलती है ये,
गिरती और संभलती
अपनों को ये जब भी देखे,
इक मुस्कान है खिलती
इसी के दम पर रोशन है ,
अपनी छोटी सी दुनिया
ईश्वर की सौगात हमारी,
ये नन्ही सी गुड़िया

सत्य मार्ग पर बढ़ती जाए
ईश्वर दें आशीष
कर्म करे ऐसा कि जग में
कभी झुके ना शीश
दया, प्रेम और करुणा हो
मन में सबका सम्मान
चंद्रकला सी बढ़े सर्वदा
बढ़े हमारा मान
रोशन हो आलोकित जग और
दे आशीष ये दुनिया
ईश्वर की सौगात हमारी,
ये नन्ही सी गुड़िया

 

 

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।