कविता

जीवन डगर

आगे सिर्फ वही बढ़ते हैं,
जो धैर्य का रहस्य जानते हैं,
आत्मानिष्ठा से कदम बढ़ा कर,
युद्ध क्षेत्र में उतर जाते हैं,
नहीं करते निंदा किसी की,
नहीं रखते द्वेष भावना से कोई सरोकार,
परोपकार कर भूल जाते हैं,
अपनो का हाथ पकड़,
जीवन की डगर पर पग बढ़ाते जाते हैं,
रखते हैं संयमित हर परिस्थिति में स्वयं को,
मुस्कुराते हुए दर्द को भूल जाते हैं,
हो जिनका स्वयं पर भरोसा,
वही जिंदगी के बेरंग पलों मे को रंगों से सजाते हैं।

— इं. निशान्त सक्सेना “आहान”

इं. निशान्त सक्सेना "आहान"

शिक्षा : बी.टेक. मोबाइल नंबर: +91-7080832612 जन्मतिथि : 27-12-1990 जन्भूमि : मेरठ कर्मभूमि : गाजियाबाद शौक : लेखन, बाइक राइडिंग अपने बारे में चंद शब्द: मैं पेशे से अभियंता हूँ | लेखन का शौक मुझे बचपन से ही था | हाल ही मेरी एक पुस्तक " करवट -ए- इश्क़ " प्रकाशित हुई हैं , जिसमे सत्य जीवन पर आधारित प्रेम कहानिया हैं | मेरे कई साझा संग्रह भी प्रकशित हुए हैं | मैं समय समय पर कई कवि सम्मेलन व लेखन प्रतियोगिता में भाग लेता हूँ. अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रों में भी मेरी कविताएं नियमित प्रकाशित होती हैं ।