हमने भी सीखा- 14
मुक्तक
अब तो मौन रहना
आजाब लग रहा है
कब तलक मौन रहेंगे हम
इस आजाब से आजाद करना
तेरे ही बस में है
प्यार की थपकी ही दी होती
तो निंदिया ले लेती आगोश में
अब तो दिन तेरी ताक में गुजरता है
रातें आक्रोश में
जिंदा हैं इसी आस में
कभी तो मिलोगे
सपने में ही सही
प्यार ही जिंदगी है
सबका कहना है
हम तो तुम्हारी प्रतीक्षा ही करते रह गए
हमने जिंदगी जी ही नहीं
यह हमारा एहसास है