विविधसमाचार

नूतन गर्ग को मिला लघुकथा श्री सम्मान अविस्मरणीय यादें…

माधवराव स्प्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान परिसर के लघुकथा शोध केन्द्र भोपाल में आ० कांता राय जी के मार्गदर्शन में आयोजित अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें पूरे देश से क‌ई वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार सम्मिलित हुए। सभी ने लघुकथा के संदर्भ में अपनी बात सबके समक्ष रखी, जो सराहनीय रही।

यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से लेकर रात 8 बजे तक चला। चार सत्रों में विभक्त यह कार्यक्रम सबके मन को हर ले गया।
इस कार्यक्रम में क‌ई पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इसी के चलते दिल्ली निवासी *नूतन गर्ग* जी की पुस्तक *अध्यवसाय* लघुकथा संग्रह का विमोचन भी किया गया। मंच पर उपस्थित रहे आदरणीय श्री मुदित गर्ग जी, श्री विजयदत्त श्रीधर जी, मुकेश वर्मा जी, विनय राजाराम जी, सतीश राठी जी व विजय जोशी जी।
विमोचन के बाद अलंकरण समारोह भी आयोजित किया गया।
लघुकथा के क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु कृति सम्मान भी दिए ग‌ए। इसके बाद पूरे देश से आए 16 लघुकथाकारों को उनके लघुकथा संग्रह हेतु सम्मान प्रदान किया गया।
इसी के अंतर्गत *नूतन गर्ग* जी को उनके द्वारा लिखा “लघुकथा संग्रह” पुस्तक “अध्यवसाय” के लिए *लघुकथा श्री* से सम्मानित किया गया। शाल, नारियल, स्मृति चिन्ह आदि सामग्रियों से उनका मान बढ़ाया गया। पुस्तक में भूमिका: आ० उमाकांत भारती जी, आचार्य संजीव वर्मा सलिल जी, बीजेंद्र जैमिनी जी, मुदित गर्ग जी, नेहा शर्मा जी व सदानंद कविश्वर जी ने लिखी हैं।
लघुकथा उत्सव में उपस्थित रहे: आ० अशोक भाटिया जी, बलराम अग्रवाल जी, सुभाष नीरव जी, विकास दवे जी, देवेंद्र दीपक जी, सूर्यकांत नागर जी, भगीरथ परिहार जी, मनोज श्रीवास्तव जी, अनिल मीत जी, प्रताप सिंह सोढी जी, निहालचंद शिवहरे जी, घनश्याम मैथिली अमृत जी, गोकुल सोनी जी, विजय जोशी जी, मुजफ्फर इक़बाल सिद्धकी जी, सुनीता प्रकाश जी, शेफालिका श्रीवास्तव जी, अर्पणा जी, नेहा जी, रूपल जी, शशी जी, निवेदिता जी, नीरज जी आदि वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार उपस्थित रहे।
कुल मिलाकर कार्यक्रम सुसंगठित, सौहार्दपूर्ण रहा। आ० कांता राय जी व उनकी पूरी टीम इस आयोजन की सफलता की हकदार है। जिसमें हमें यानी नूतन गर्ग को सम्मानित किया गया।

धन्यवाद
नूतन गर्ग (दिल्ली)
ngarg.mvp@gmail.com

*नूतन गर्ग

दिल्ली निवासी एक मध्यम वर्गीय परिवार से। शिक्षा एम ०ए ,बी०एड०: प्रथम श्रेणी में, लेखन का शौक