कविता

शिक्षक हमारे मार्गदर्शक

ज्ञान के दीप
कर्मठता, ईमानदारी और मेहनत की प्रतिमूर्त,
स्नेहिल, धीर, गंभीर, स्मित मुस्कान को संजोए,
कंटक भरी राहों को निशकंटक करते और
विकट परिस्थितियों से लड़कर
जीत के पथ पर अग्रसर करते,
माता – पिता तुल्य
निःस्वार्थ स्नेह की निर्मल छाया करते,
कभी कठोरता, कभी प्रेमपूर्वक
जीवन जीने का उत्कृष्ट मार्ग दिखाकर
हमारे जीवन को
कमल – सा सुंदर और पावन बना देते,
ऐसे श्रद्धेय गुरूजन को
कोटि – कोटि हम सदा नमन करते हैं।

— आचार्या नीरू शर्मा

आचार्या नीरू शर्मा

नाम आचार्या नीरू शर्मा है। मेरी जन्मभूमि देवभूमि हिमाचल प्रदेश है । मैं एक शिक्षिका व लेखिका हूँ । शिक्षा - एम.ए./आचार्या/ बी.एड। शिक्षिका के रूप में कार्य करते हुए 15 साल हो गए हैं । लेखन से जुड़े हुए लगभग 10 साल हो गए है। कुछ साहित्यिक मंचों से जुड़ी हूँ जिन पर रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं व सम्मान पत्र प्राप्त हुए हैं। दो साझा काव्यसंग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। मेरी रुचि - पठन/लेखन/भ्रमण/बागवानी आदि में है।