लघुकथा

चाहत

“अरे—अरे क्या कर रही है गुड़िया।छोटू को पलंग पर ही सोने दे।अपनी गोदी में मत ले।कहीं गिर गया तो?
बहुत छोटा है बेटा।”
लगभग पाँच साल की गुड़िया अपने छ-सात माह के भाई को छूती,उसे प्यार करती,और उसे गोदी लेनें की कोशिश करती।
गुड़िया ने अपनी माँ की ओर बेबस आँखों से देखा।–बोली-
“मम्मी,जबसे छोटू आया आप मुझे प्यार ही नहीं करतीं।कभी गोद मे भी नहीं लेतीं।मैं छोटू को इसलिये गोद में
लेतीं हूँ कि उससे तुम्हारी खुशबू आती है।लगता है तुम मेरे पास हो।
सुनीता मिश्रा
भोपाल
— सुनीता मिश्रा

सुनीता मिश्रा

भोपाल sunitamishra177@gmail.com