पुस्तक परिचय : पत्रकारिता में प्रतिक्रिया
पत्र लेखन ही साहित्य की वह विधा है, जो बगैर प्रकाशन के लालच के लिखी जाती है । और उन्हीं फुटकर पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित पत्रों पर साहित्य प्रेमियों को एक सुंदर पुस्तक मिल जाए तो, तो सोने पर सुहागा । जी हां ऐसी ही एक पुस्तक प्रकाशित हुई है, डॉ जसवंत सिंह जनमेजय जी की, ‘पत्रकारिता में प्रतिक्रिया- एक पाठक की कलम से ।’
इस पुस्तक में ऐसे पत्रों का संकलन प्रकाशित किया गया है जो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, समाचार पत्रों में समसामयिक मुद्दों पर चाहे वे सामाजिक रहे हों या राजनैतिक, आर्थिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, हर विषय को लेकर पत्र प्रकाशित हुए थे । उन्हें पुस्तक रुप दिया गया है ।
डॉ . जनमेजय जी ने पहले एक पाठक बनकर कलम उठाई और फिर लिखते ही चले गये। इन्होंने ज्वलंत मुद्दों पर निष्पक्ष होकर कलम चलाई और एक जागरूक पाठक की सराहनीय भूमिका का निर्वहन किया ।
लेखन की विभिन्न विधाओं की रचनाओं पर टिप्पणी करना, समीक्षा लिखना डॉ. साहब का शौक रहा है, और यही शौक आज एक पुस्तक के रूप में मूर्ति रूप लेकर पाठकों के सम्मुख है । स्वराज प्रकाशन से प्रकाशित यह सुंदर पुस्तक 164 पृष्ठ में आकर्षक आवरण पृष्ठ के साथ प्रकाशित की गई है ।
पुस्तक के लिए डॉ. जनमेजय जी को बहुत-बहुत बधाई… आप ईश्वर कृपा से हमेशा स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें और इसी तरह अनवरत मां भारती का भंडार भरते रहें ।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा