सामाजिक

बेटी बचाओ

बेटी बचाओ अभियान एक पुनीत अभियान है | जो की समाज की उस बुराइयों की और इशारा करता है जहाँ लोगबाग भ्रूण -हत्या करने की सोच विकसित करते है |वे  लोग इस बात को गहराई से सोचे कुल को बडाने वाली ,रिश्तों के मजबूत बंधन को बांधनेवाली,बहन ,माता ,पत्नी आखिर किसी की भी  बेटियाँ तो होती है | जन्म से पहले बेटी को  मारने का पाप इंसान क्यों करने लगा है ,उसे कानून द्वारा कड़ी सजा मिलेगी यह डर होने पर भी भ्रूण -हत्या करने की जो मानसिकता विकसित हो रही है वो इंसान कि इंसानियत  नहीं  बल्कि शैतानियत को दर्शाता है | भ्रूण हत्याए करने से जीवन मे सारे पुण्य काम स्वत: समाप्त  होजाते है |बेटियाँ तो ओंस सी कोमल होती है ,बेटियाँ हँसती तो मोती झरते है ,बेटियाँ विदाई होने पर रोतीं है तो हर इंसान की आंखे रोतीं है |भावनाओ और ममत्व से जुड़ा होता है बेटियों का प्रेम |बेटियों के बिना त्यौहार भी सूने लगते है ,भाइयों की कलाइयाँ भी सूनी होती है,श्रंगार रस कि कल्पनाये भी कोसो दूर रहती है |सच  भी तो है हमारे जीवन की साँस और आस होती है बेटिया ।यदि जीवन मे सच्चा सुख कोई पाना चाहते है तो “बेटी बचाओ अभियान” का संकल्प लेवे ताकि  बेटी के संग दोगुनी खुशिया हर घर मे हो सके |

— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच