कविता

पेड़ न काटो यारो

पेड़ न काटो यारों ,पेड़ ही धरती का असली खजाना है ।
पेड़ो से ही इस धरती को सजाना है।।
पेड़ न काटो यारों ,पेड़ो से जमाना है।
पेड़ो के चलते ही धरती पर जीवों का आशियाना है।।
पेड़ ना काटो यारों,पेड़ो बिना धरती ऐसे लगे विहीनी।
जैसे सिन्दूर बिना मांग लगे सूनी।।
पेड़ न काटो यारों,पेड़ो से ही मिलती है लकड़ी ,शहद, फल।
पेड़ ना होंगे तो जीवो का जीवन हो जायेगा असफल।।
पेड़ न काटो यारों,पेड़ो में भी जान है।
जो पेड़ लगाते है,वो व्यक्ति महान है।।
पेड़ ना काटो यारों,पेड़ ही इस धरती का असली खजाना है।
पेड़ो से ही इस धरती को सजाना है।।

— प्रशांत अवस्थी “रावेन्द्र भैय्या”

प्रशांत अवस्थी 'रावेन्द्र भैय्या'

आत्मज- श्रीमती रेखा देवी एवं श्री शुभकरन लाल अवस्थी. जन्मतिथि - 18 सितम्बर 2005. जन्म स्थान - ग्राम अफसरिया ,महमूदाबाद सीतापुर उ.प्र. शिक्षा- डी.एड.स्पेशल एजुकेशन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, मोबाइल नंबर -9569726127. G-mail- [email protected]