राजनीति

नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की तैयारी में भाजपा 

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश जहां से लोकसभा की 80 सीटें आती हैं, भाजपा ने  लोक्सभाव चुनावों में सभी 80 सीटों पर विजय प्राप्त करने का लक्ष्य रखा था किंतु अधूरा रह गया और भाजपा को मात्र 37 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। स्थिति इतनी प्रतिकूल हो गई कि अयोध्या विधानसभा सीट वाली फैजाबाद संसदीय सीट पर भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। स्वाभाविक है भाजपा को गहरा धक्का लगा और पारस्परिक आरोप प्रत्यारोप, और मीडिया हलचल के बीच अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। बिल्ली की तरह योगी-मोदी के मध्य संबंधों के ख़राब होने का छींका टूटने की आस में बैठे विरोधी अति उत्साह में घूमने लगे, बड़े बड़े बयान देने लगे। 

इस पूरी मीडिया हलचल के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शांत भाव से पूरी निष्ठा और समर्पण के  साथ अपने काम में लगे हैं, प्रदेश के विकास को गति देने के लिए, जनता की जनसमस्याओं को हल करने के लिए और साथ ही पार्टी की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए निरंतर स्वयं ही धरातल पर उतरकर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।लोकसभा चुनावों के बाद  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी मंडल व जिला अध्यक्षों तथा विधायकों से मिलकर पराजय की गहन समीक्षा कर रहे हैं,  जिसमें वह पूछ रहे हैं कि 2019 और 2022 में हमारी विजय का आधार क्या था और 2027 में पीछे रहने का क्या कारण है ? कार्यक्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदा की तरह पूरी कर्मठता से सक्रिय हैं। हाथरस की भीषण दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हाथरस में थे और बाढ़ क्षेत्रों में नाव से सर्वेक्षण करते हुए पीड़ितों के बीच पहुंच रहे हैं । 

कई अफवाहों की धुंध के बीच लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का आयोजन किया गया है। कार्यसमिति की इस बैठक से पहले भाजपा के महामंत्री बी. एल. संतोष ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के साथ बैठक कर पराजय के कारणों  की गहन समीक्षा करने के साथ ही सभी उपचुनाव जीतने का संकल्प लिया था। 

प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक से स्पष्ट सन्देश दिया गया है कि प्रदेश में आगामी सभी चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे। स्वाभाविक है कि इससे आप नेता अरविंद केजरीवाल,  सपा मुखिया अखिलेश यादव, कांग्रेस और भाजपा के अंदर बैठे कुछ गुटबाज निराश हो गये हैं। पार्टी के बाहर हों या अन्दर  योगी विरोधियों को अब इस सपने से बाहर आना होगा कि उत्तर प्रदेश से योगी जी को हटाया जा रहा है। यह बात अलग है कि आने वाले दिनो में यूपी मंत्रिमडल का विस्तार और फेरबदल आदि हो सकता है और वह जो भी होगा वह इंडी गठबंधन की रणनीतियों को ध्यान में रखकर होगा। कुछ सीटों पर पराजय से प्रदेश की भाजपा सरकार व उसका विकास का एजेंडा बैकफुट पर नहीं जाने वाला है। प्रदेश की भाजपा सरकार समग्र विकास के एजेंडे के साथ हिन्दुत्व के मुद्दे पर भी मजबूती से आगे बढ़ेगी।

प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रदेश भाजपा के सभी बड़े नेताओं ने संबोधित किया और विपक्ष पर कड़ा प्रहार करते हुए कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया। भाजपा कार्यसमिति की बैठक में राजनैतिक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें एससी व ओबीसी आरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की गई । भाजपा की डबल इंजन सरकार ने एससी व ओबीसी के लिए जो कार्य किये हैं उनके विषय में विस्तार से जानकारी दी गई।प्रस्ताव में संविधान पर भी चर्चा की गई और कहा गया है कि हमारी सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में घोषित किया है।हम संविधान को सिर्फ राजकाज का हिस्सा नहीं मानते संविधान जनचेतना का हिस्सा हो इसी ध्येय के साथ हमारी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना प्रारम्भ किया है।कार्यसमिति में भाजपा को अपेक्षित सफलता न मिल पाने का एक कारण विपक्ष का झूठा प्रचार भी बताया गया है।  

भाजपा  के प्रस्ताव में सपा पर निशाना साधा गया और कहा गया कि विपक्ष में होने पर पिछडे़ दलितों वंचितो के हितैषी होन का ढोंग करने वाले सपाई जब सत्ता में होते हैं तब असली रंग दिखाते हैं। सत्ता में रहते हुए प्रमोशन में आरक्षण समाप्त करने का कार्य करते हैं। भाजपा कार्यसमिति में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के हिंदुओं को हिंसक बताने वाले बयान की कड़ी निंदा की गई और कहा गया कि राहुल के बयान से हिंदू समाज आहत है जिसके लिए उन्हें  हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए । एक अन्य प्रस्ताव में प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की गई। 

कार्यसमिति की बैठक में भाजपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पहले सभी 10 उपचुनाव जीतने का संकल्प लिया साथ ही 2027 में प्रदेश में भाजपा की तीसरी बार सरकार बनाने के लिए अभी से जुट जाने की अपील की गई। कार्यसमिति की बैठक में भाजपा ने तीन माह के कार्यक्रम भी घोषित कर दिये गये हैं। समिति की बैठक से यह साफ संदेश जा रहा है कि अब भाजपा दलितों को साधने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। 

कार्यसमिति की बैठक में संगठन को और अधिक मजबूती प्रदान कर उसका विस्तार करने पर बल दिया गया है जिसके लिए अब बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठन विस्तार की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।सदस्यता अभियान भी तीव्र गति से चलाया जाएगा। साथ ही कुछ अन्य कार्यक्रमों की भी घोषणा की गई है। कार्यसमिति ने विकसित भारत के मंत्र के साथ, कार्यकर्ता प्रथम के विचार के साथ आगे बढ़ने व सभी उपचुनाव जीतने का संकल्प लिया है। कार्यकर्ताओं से सोशल मीडिया में सक्रिय रहने की अपील की गई है। बैठक में सभी नेता इस बात पर सहमत रहे कि कार्यकर्ताओं  के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि अब उछलकूद करने वालों को अवसर नहीं मिलेगा और सभी 10 उपचुनाव बीजेपी ही जीतेगी। यह भी  साफ हो गया है कि भाजपा कार्यकर्ता को अब बैकफुट पर नहीं जाना है बीजेपी का नेतृत्व अब फ्रंटफुट पर विपक्ष का मुकाबला करने के लिए मैदान पर उतरने जा रहा है।कार्यसमिति  में  मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि वह हिन्दुत्व की अपनी राह पर चलते रहेंगे। मुहर्रम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था जब मुहर्रम पर सड़कें सूनी हो जाती थीं, ताजिया के नाम पर घर तोड़ जाते थे, पीपल के पेड़ काटे जाते थे, सड़कों के तार हटाये जाते थे। आज हमारा स्पष्ट निर्देश है कि पर्व और त्यौहार मनाना है तो नियमों के अंतर्गत मनाओ वरना घर में बैठ जाओ। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि प्रदेश माफिया मुक्त हो चुका है उन्होंने साफ कहा कि जब तक भारत में भगवान राम, कृष्ण और शिवजी की पूजा होती रहेगी तब तक भारत व सनातन को कोई समाप्त नहीं कर सकता।

कार्यसमिति ने भी यह  बात मान ली है कि कार्यकर्ताओं की नाराजगी पार्टी को भारी पड़ी है इसलिये अब सरकार व संगठन स्तर पर कार्यकर्ताओं को प्रमुखता देने की बात हो रही है। कार्यकर्ताओं से संवाद व सामंजस्य बढ़ाने पर भी बल दिया गया है। भाजपा कार्यसमिति कार्यकर्ताओं के मध्य उपजे भ्रम व संदेह को  दूर करने में कितना सफल हो पायेगी यह तो आने वाला समय बतायेगा किंतु अब मुख्यमंत्री पद को लेकर जो संशय व आगामी रणनीति को लेकर जो संदेह था वह अब दूर हो जाना चाहिये क्योंकि मुख्यमंत्री येगी आदित्यनाथ ही रहेंगे और सरकार व संगठन हिन्दुत्व तथा सनातन की राह पर आगे बढ़ते रहेंगे इसमें कोई संशय या संदेह नहीं रह गया है । 

— मृत्युंजय दीक्षित