नाज हमें इन वीरों पर
गौरवशाली अपने वीर, सीने उन के फौलादी।
इन के ही बलबूते आज, मिल पाई है आजादी।
देते दुश्मन को हैं चीर, बांध कफन जब जाते हैं।
देश के लिए हो कुर्बान, शहीद हो कर आते हैं।
इन की शहादत को सलाम, नाज हमें इन वीरों पर।
सरहद पर है बहता खून, देश टिका रणधीरों पर।
घर-बार सभी अपना त्याग,भारत की सेवा करते हैं।
कर के भारत मां जयघोष, लड़ते लड़ते मरते हैं।
छोड़ घर-बार की वेदना, भूखे ही जी लेते है।
सोते हम गहरी नींद में, सुकून हम को देते हैं।
नमन हो भारती वीर को, रक्षा सदा ही करते हैं।
निशि दिन खेलें आग से ही, दुश्मन से कब डरते हैं।
सरहद हमारी के प्रहरी, ज़ख़्म मिले पीड़ा सहते।
मांग मां की रहे ना खाली, खून सिंदूरी सदा बहते।
तन मन धन हम अर्पित करें,आज देश पर मिट जाएं।
जान लुटा दें सदा देश पर, सन्याल कसम हम खाएं।
— शिव सन्याल