कविता

नाज हमें इन वीरों पर

गौरवशाली अपने वीर, सीने उन के फौलादी।
इन के ही बलबूते आज, मिल पाई है आजादी।
देते दुश्मन को‌ हैं चीर, बांध कफन जब जाते हैं।
देश के लिए हो कुर्बान, शहीद हो कर आते हैं।
इन की शहादत को सलाम, नाज हमें इन वीरों पर।
सरहद पर है बहता खून, देश टिका रणधीरों पर।
घर-बार सभी अपना त्याग,भारत की सेवा करते हैं।
कर के भारत मां जयघोष, लड़ते लड़ते मरते हैं।
छोड़ घर-बार की वेदना, भूखे ही जी लेते है।
सोते हम गहरी नींद में, सुकून हम को देते हैं।
नमन हो भारती वीर को, रक्षा सदा ही करते हैं।
निशि दिन खेलें आग से ही, दुश्मन से कब डरते हैं।
सरहद हमारी के प्रहरी, ज़ख़्म मिले पीड़ा सहते।
मांग मां की रहे ना खाली, खून सिंदूरी सदा बहते।
तन मन धन हम अर्पित करें,आज देश पर मिट जाएं।
जान लुटा दें सदा देश पर, सन्याल कसम हम खाएं।

— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. Sanyalshivraj@gmail.com M.no. 9418063995