पथ से भटकी युवा पीढी
विवाह तेरा व मेरा है
इसी सोच को धोना है
विवाह दो तनों का नहीं
ये कुल कुटुंब में होना है
ये नए दौर की नई ब्रीड है
जो परम्परा को छोड़ रही है
इसीलिए नए विवाह टूट रहे हैं
क्या होने वाला है इस समाज का
कब समझेंगे नवीन समाज के लोग
कैसे वंश चलेंगे आगे, बड़ी चिंता है
नई पीढी कुछ समझ नहीं रही है
अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है
अधेड़ अवस्था में शादी कर रहे
पति-पत्नी दोनों रहते अकेले
फिर भी बच्चे पैदा नहीं होते
माता-पिता साथ नहीं रहते
फिर भी दोनों में न बनती
बताओ ये कैसा युग है?
— चन्द्र शेखर शर्मा चन्द्रेश
