कविता

खोया गौरव को लौटाने की कोशिश

सूरज ढलता है,
पुराने स्वप्न जागते,
धरा भी रोती।

हवा की सरगम,
सन्नाटे में गीत गाती,
भीतर का शोर।

स्निग्ध धुंध छाई,
स्मृतियों की परतें टूटें,
रोशनी लौटे।

नदी की लहरें,
सन्नाटा तोड़ती धीरे,
गौरव फिर आए।

पतझड़ की पत्तियाँ,
भूले हुए रंग लौटाएं,
जीवन मुस्काए।

अधूरी कहानी,
हर कदम नई उम्मीद,
गौरव लौटेगा।

चाँदनी रात में,
सपनों का संगम बने,
मन को सुकून।

अतीत के गीत,
आज के धड़कन में बंधें,
सपनों की राह।

फूलों की महक,
भूले हुए रास्ते सजाएं,
गौरव की छाया।

नव प्रभात की किरण,
सहज स्पर्श में नया ज्वार,
जीवन संवरता।

धरा की गोद में,
हर नादियों का मिलन,
संपूर्ण गौरव।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - ashokelection2015@gmail.com