क्षणिका

सच कहूँ

{1}गरीब की टूटी थाली में झाँक कर देखना
नेता जी कभी फुटपाथ पर रोटी माँगकर देखना

{2}

नेताओं को 5 साल में बस
एक ही बार नजर आते!!!
फुटपाथ पर रात गुजारने को
मजबूर मुद्दे अक्सर देश की
संसद तक नहीं पहुंच पाते !!!

{3}

जड़े रो रही हैं ,दरख्त रो रहा है
ऐ खुदा !तेरे शहर में ये क्या हो रहा है ?
होश उड़ा-उड़ा सा घूमता है आदमी
रास्ते भूलकर अदब के ,कहां खो रहा है?
ऐ खुदा !तेरे शहर में ये क्या हो रहा है?

 

प्रवीण माटी

नाम -प्रवीण माटी गाँव- नौरंगाबाद डाकघर-बामला,भिवानी 127021 हरियाणा मकान नं-100 9873845733