गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था उज्जैन संजा लोकोत्सव बनाती आ रही है |एक जानकारी के मुताबिक विगत वर्ष संस्था द्धारा अड़तालीस घंटों तक एक दर्जन से अधिक कलाकारों के कला कौशल ,प्रतिभा और श्रम से मांडी गई 24 X 24 फीट में निर्मित संजा को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल होने का गौरव मिलाथा | बेटी बचाओं का मूलमंत्र यहाँ भी लागू होता है | बेटियाँ की कमी से तो संजा जैसे पारंपरिक लोकोत्सव विलुप्त की कगार पर जा पहुंचेंगे | देखा जाए तो संजा देती है कला ज्ञान ,एवं मनोवांछित फल | संजा मनाने की यादें लड़कियां विवाहोपरांत संजा बनाने की यादें उम्र तक मन में बनी रहती है | और यही यादें उनके व्यवहार में प्रेम ,एकता और सामजस्य का सृजन करती है | संजा सीधे -सीधे हमें पर्यावरण से अपने परिवेश से जोड़ती है | तो क्यों न हम कला को बढ़ावा दे और इसे विलुप्त होने से बचाने का प्रयास करें |
— संजय वर्मा ‘दृष्टि‘