कविता

किसान की विनती

सुनो हे जीवन दाता
सुनो हे पालन हार
हम असहाय किसानों की
करो विनती को स्वीकार
वर्षोओं नीर धरा पर
हम हैं बहुत लाचार
सुनो हे जीवन दाता
सुनो हे पालन हार
हम कैसे करें आत्म रक्षा
कैसे मनायें त्यौहार
तुम बिन कौन सहारा है
तुम बिन कौन लगाये पार
सुनो हे जीवन दाता
सुनो हे पालन हार
तुम तो हो जग के स्वामी
तुम ही सुन लो पुकार
करो कृपा जगदम्ब भवानी
कर दो हम पर यह उपकार
सुनो हे जीवन दाता
सुनो हे पालन हार
मै तो हूँ निरीह प्राणी
तुम हो ईश्वर अवतार
सुनो हे जीवन दाता
सुनो हे पालन हार
✍️रमाकान्त पटेल

रमाकान्त पटेल

ग्राम-सुजवाँ, पोस्ट-ढुरबई तहसील- टहरौली जिला- झाँसी उ.प्र. पिन-284206 मो-09889534228