कविता

राष्ट्र भाषा हिन्दी 

बार बार हक अपना माँगना सीखिए, 

हक़ पाने के लिए लड़ना भी सीखिए। 

बात हो जब राष्ट्र भाषा के सम्मान की, 

पहले इन्डिया को भारत लिखना सीखिए। 

हिन्दी राष्ट्रभाषा हिन्द की, दुनिया जानती, 

हिन्दी में काम करना, प्रारम्भ तो कीजिए। 

जिस दिशापट लिखा न हो नाम हिन्दी में, 

उसके विरुद्ध आवाज़ बुलन्द तो कीजिए। 

कमा रहे हैं रोटियाँ जो हिन्दी के नाम पर, 

बच्चे कहाँ पढ़ रहे, कभी उनसे भी पूछिए? 

माँ को मॉम पिता को डैड बताने वालों, 

राष्ट्रभाषा का सम्मान पहले खुद कीजिए। 

न्यायालय में अनेक न्यायाधीश समर्थक, 

आप हिन्दी में विवाद प्रस्तुत तो कीजिए। 

तर्क दीजिए हिन्दी में, न्याय हिन्दी में माँगिए, 

कार्यालय ने कहीं जायें, हिन्दी में बात कीजिए। 

 — अ कीर्ति वर्द्धन