कविता

एकता से ही जीत है

राष्ट्र के विकास के लिए एक रहना है,
एकता राष्ट्र-विकास का बेमोल गहना है,
राष्ट्रीय एकता दायित्व हमारा ही है,
कर्तव्यों का पालन करते ही रहना है।
अनेकता में एकता हमारी सभ्यता है,
राष्ट्र तभी सबल रहेगा, जब एकता है,
खेल हो या राष्ट्र, एकता से ही जीत है,
हमारी तो अपनी पहचान ही अखंडता है।
एकता में शक्ति है, संगठन है, निखार है,
स्वस्थ प्रतियोगिता उन्नति का आधार है,
किसी को धक्का देकर आगे नहीं बढ़ना,
अमन-चैन-सुकून का स्त्रोत ही प्यार है!
भविष्य सुरक्षित करना धर्म हमारा है,
सद्भाव-प्रेम ही राष्ट्र का अमूल्य सहारा है,
सजग प्रहरी बन रहना है हिमालय की तरह,
सिर्फ नारा ही नहीं लगाना, देश हमें प्यारा है।
देश को स्वच्छ रखना हम सबका दायित्व है,
देश को स्वस्थ रखना हम सबका दायित्व है,
राष्ट्रीय एकता का दायित्व हमको ही लेना है,
देश का गौरव बढ़ाना हम सबका दायित्व है।

— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244