गहन साजमंस्य जरूरी
बड़ा कठिन यह यक्ष प्रश्न है,
तन जरुरी है या जरूरी है मन,
बहुत सरल इसका जवाब है,
तन भी जरुरी, जरूरी है मन।
तन स्वस्थ तो मन प्रसन्न हो,
मन स्वस्थ तो तन फुर्तीला,
दोनों स्वस्थ हों, संयमित हों तो,
जीवन भी हो जाए सजीला।
चिकने-गरिष्ठ और जंक फूड से,
जीवन भर के रोग हैं लगते,
पौष्टिक भोजन से हैं तन-मन,
स्वस्थ रहते, सद्कर्मों में लगते।
स्वस्थ तन में ही तो है होता,
स्वस्थ मन का सदा निवास।
मन हो अगर उच्छृंखल तो फिर,
तन भी हो जाता बहुत उदास।
तन है साधन, मन साध्य है,
तन है सेवक, मन है स्वामी,
गहन साजमंस्य तन-मन का हो तो,
रहने न पाए कोई खामी।
— लीला तिवानी