कविता

जीवन संघर्ष 

थोडी-सी थी आमदनी, छोटा सा घर, अंश लाडला,

जिंदगी की जंग लडी हम ने, जैसे कोई अकेला ।।

जिद, जुनून, जीवटता जिंदगी के थे जेवर,

हिम्मत, हौसला साथ साजन थे हमसफर।।

जीवन सफर में अवरोध, अवरोधी थे कित्येक।

कटीले शूल, चुभते कंकड़, कटु वचन अनेक।। 

अथक परिश्रम, कठिन संघर्ष से मिली जीत।

जीवन बाग सफलता सौरभ से हुआ सुरभित।।

जो हमने चाहा,  लाडलों ने संघर्ष से प्राप्त कर दिखाया।

सतत अभ्यास, निरंतर प्रयास से उत्कृष्ट ओहदा पाया।।

यश, कीर्ति, प्रतिष्ठा, सुख-समृद्धि, सौख्य की बही धारा।

जलते हैं जलने वाले, कठिन संघर्ष नहीं दिखता मेरा।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८