संविधान की कहानी
आज संविधान दिवस है
आप सभी को बहुत बहुत बधाइयां हैं,
इस अवसर पर कुछ तथ्य आपसे साझा करता हूँ
भारत का संविधान सबसे लंबा राष्ट्रीय संविधान है
यह बात आप सबको पहले बताता हूँ
संविधान सभा में 299 सदस्य और 12 समितियाँ थीं।
सभी सदस्य अपने आप में विधि, धार्मिक परम्पराओं,
भिन्न भिन्न जातीय समूहों की परम्पराओं के मर्मज्ञ थे,
डा.सच्चिदानंद सिन्हा और बी.एन.राव जी ने
संविधान का पहला ड्राफ्ट तैयार किया था।
संविधान सभा के अध्यक्ष पहले सच्चिदानंद सिन्हा जी थे
जिनकी अस्वस्थता के कारण ही डाँ. राजेन्द्र प्रसाद जी अध्यक्ष बने थे
संविधान का ड्राफ्ट अम्बेडकर जी ने तैयार किया
जबकि संविधान की मूल प्रति कैलिग्राफिक आर्टिस्ट
प्रेम विहारी रायजादा जी ने अपने हाथों से लिखा था।
जिसकी मूल प्रति को चित्रों से सजाया था
शान्ति निकेतन के कला अध्यापक रहे नन्दलाल बोस जी ने
संविधान बनाने में कुल समय 2 वर्ष, 11 माह,18 दिन लगा था
जो 26 नवम्बर,1949 को पूर्ण और
26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।
संविधान में तत्समय 395 अनुच्छेद, 22 भाग,
8 अनुसूचियांं और लगभग 145,000 शब्द थे।
जो बाद में धीरे-धीरे 105 संशोधनों के बाद कुल
470 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियाँ हो गईं।
बस यही है संविधान की संक्षिप्त की कहानी,
जिसे आप सब से मैंने कहा अपनी जुबानी,
जिसे आप सबने सुना, पढ़ा, ये है आप सबकी मेहरबानी।