कविता

नारी है नारायणी

नारी है नारायणी ,
ममता की मूर्ति है|
दुर्गा,लक्ष्मी का रूप,
नारी शक्ति महान है|

नारी तेरे रूप अनेक,
दया,करुणा की खान है|
घर में खुशियों तुझसे,
बच्चों की जान है|

मां बन बच्चों की गुरु,
खुद को अर्पण कर देती है|
नारी से होता रोशन घर,
गुणगान करें उतना कम है |

सदा करना इसका सम्मान,
नारी से घर चलता है|
ये नहीं तो घर नहीं,
यह घर,आंगन की शान है.

— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश

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