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साहित्यकार समाज के दुख को महसूस करके अपनी रचनाओं में उतारता है : अशोक दर्द
“लेखक से मिलिए” की 126वीं कड़ी सम्पन्न
श्रीगंगानगर। सृजन सेवा संस्थान के मासिक कार्यक्रम ‘लेखक से मिलिए’ की 126वीं कड़ी रविवार शाम को जवाहरनगर स्थित महाराजा अग्रसेन विद्या मंदिर स्कूल में सम्पन्न हुई। इसमें लेखक के रूप में बनी खेत (डलहौजी) से आए वरिष्ठ साहित्यकार अशोक दर्द ने साहित्य प्रेमियों से मुलाकात की और अपनी रचनाओं से उन्हें सराबोर किया।
अशोक दर्द ने कहा कि साहित्यकार समाज के दुख को महसूस करके अपनी रचनाओं में उतारता है, यही दर्द उसे पहचान देता है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में वे अपने निजी दुख की वजह से नाम के साथ दर्द लगाते थे लेकिन समय के साथ समाज के दुख को उन्होंने अपना दर्द बना लिया। अशोक दर्द ने जहां अपनी कविताओं, गीतों और मुक्तकों से समां बांधा, वहीं उन्होंने अपनी चुटीली लघुकथाओं से भी प्रभावित किया। उनकी रचनाओं में जहां लड़कियों की पीड़ा झलक रही थी, वहीं बुजुर्गों के दर्द को भी स्वर देने का प्रयास उन्होंने किया। भ्रष्टाचार और राजनीतिक घटनाओं पर कटाक्ष भी था। ढलती उम्र को रेखांकित करते हुए उन्होंने एक गीत पढ़ा-अपना सामां बांध बटोही, सांझ हुई चल घर चलते हैं, कल आया तो कल देखेंगे, सांझ हुई चल घर चलते हैं।
इस दौरान उपस्थित श्रोताओं में द्वारका प्रसाद नागपाल, हरबिंद्रसिंह, निर्मल शर्मा, राजू गोस्वामी और ममता आहुजा ने उनसे कुछ सवाल भी पूछे, जिनका उन्होंने बहुत सटीक जवाब दिया।
विशिष्ट अतिथि टांटिया होम्योपैथी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. आर.के. विश्वास ने कहा कि दर्द साहब की रचनाएं दिल में उतरने वाली हैं। उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग की पीड़ा को अपनी रचनाओं में उतारने का प्रयास किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता राजकुमार सोनी ने सृजन सेवा संस्थान की निरंतर होने वाली गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से क्षेत्र की पहचान कायम होती है। यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि देश के कई बड़े लेखक इस मंच पर आ चुके हैं।
सृजन के सचिव कृष्णकुमार ‘आशु’ ने अतिथियों का परिचय दिया। अध्यक्ष डॉ. अरुण शहैरिया ‘ताइर’ ने आभार जताया। मंच संचालन रंगकर्मी ममता आहुजा ने किया।
कार्यक्रम में डॉ. संदेश त्यागी, बन्नी गंगानगरी, सुरेश कनवाड़िया, ऋतुसिंह, महेश गहलोत, अरुण खामख्वाह, अरुण उर्मेश, विरेंद्र खुराना, राकेश मितवा, ललित चराया, सतीश शर्मा, ओमाराम बैगड़, विजय सोल्जर, सुनीता सैढा, जीपी सिंह, विजयकुमार, नवीन मदान, जेपी गौरी सहित अनेक साहित्य प्रेमी मौजूद थे।
दर्द को सृजन साहित्य सम्मान
कार्यक्रम में अशोक दर्द को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए सृजन साहित्य सम्मान अर्पित किया गया। उन्हें कार्यक्रम अध्यक्ष सोनी, विशिष्ट अतिथि डॉ. विश्वास और समाजसेवी विजयकुमार गोयल ने शॉल ओढ़ाकर, सम्मान प्रतीक एवं पुस्तक भेंट करके सम्मानित किया। दर्द ने यह सम्मान सपत्नीक ग्रहण किया।

अशोक दर्द

जन्म –तिथि - 23- 04 – 1966 माता- श्रीमती रोशनी पिता --- श्री भगत राम पत्नी –श्रीमती आशा [गृहिणी ] संतान -- पुत्री डा. शबनम ठाकुर ,पुत्र इंजि. शुभम ठाकुर शिक्षा – शास्त्री , प्रभाकर ,जे बी टी ,एम ए [हिंदी ] बी एड भाषा ज्ञान --- हिंदी ,अंग्रेजी ,संस्कृत व्यवसाय – राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिंदी अध्यापक जन्म-स्थान-गावं घट्ट (टप्पर) डा. शेरपुर ,तहसील डलहौज़ी जिला चम्बा (हि.प्र ] लेखन विधाएं –कविता , कहानी , व लघुकथा प्रकाशित कृतियाँ – अंजुरी भर शब्द [कविता संग्रह ] व लगभग बीस राष्ट्रिय काव्य संग्रहों में कविता लेखन | सम्पादन --- मेरे पहाड़ में [कविता संग्रह ] विद्यालय की पत्रिका बुरांस में सम्पादन सहयोग | प्रसारण ----दूरदर्शन शिमला व आकाशवाणी शिमला व धर्मशाला से रचना प्रसारण | सम्मान----- हिमाचल प्रदेश राज्य पत्रकार महासंघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत , हिमाचल प्रदेश सिमौर कला संगम द्वारा लोक साहित्य के लिए आचार्य विशिष्ठ पुरस्कार २०१४ , सामाजिक आक्रोश द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता में देशभक्ति लघुकथा को द्वितीय पुरस्कार | इनके आलावा कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित | अन्य ---इरावती साहित्य एवं कला मंच बनीखेत का अध्यक्ष [मंच के द्वारा कई अन्तर्राज्यीय सम्मेलनों का आयोजन | सम्प्रति पता –अशोक ‘दर्द’ प्रवास कुटीर,गावं व डाकघर-बनीखेत तह. डलहौज़ी जि. चम्बा स्थायी पता ----गाँव घट्ट डाकघर बनीखेत जिला चंबा [हिमाचल प्रदेश ] मो .09418248262 , ई मेल --- [email protected]

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