कविता

अकेला कौन?

दिल की गहराई से,
कहीं हुई बातें,
ज़ुबान की सच्चाई रिश्ते तोड़ देती है।
उम्मीद में सुकून देने वाली ताकत बनकर,
रहने की लगातार कोशिश,
दुनिया में इसकी वजह से ही,
हमेशा कमजोर होती है।

मीठापन घोलते हुए,
कही गई बातें सबको रास आता है।
समन्दर पार कर,
आगे बढ़ने की चाहत रखने वाले लोगों को,
यह दृश्य नहीं भाता है।

हमदर्दी जताएंगे तो,
सही मुकाम पर पहुंचने की एक सीढ़ी बनाई जाती है,
कठोर वाणी में,
यह लहज़ा नज़र नहीं आती है।

अक्सर ठोकरें खाते हुए,
लोगों को समझाने की गहराई नसीब नहीं होता है।
समन्दर पार करने का,
यह एक हकीकत है,
इसमें उम्मीद खत्म करने का,
सबकुछ स्पष्ट दिखता है।

कठोर वाणी की आहटें,
दूर तक सुनाई देती है।
इसकी वजह से ही दूरियां बढ़ती ही जाती है।
नतीजा सही निकले,
ऐसी कोशिश नहीं की जाती है।
फलसफा है तो,
सही मुकाम पर पहुंचने वाले लोगों को,
सबकी निगाहें,
इसपर अक्सर नज़र आती है।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]

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