मैं हूं ना तेरे साथ
पिता के साए में थी जो एक आस
जब भी वो कहते मै हूं ना तेरे साथ।
आंसू जब भी निकले आती है एक आवाज
चिंता क्यूं करती है मैं हूं ना तेरे साथ।
परेशानियों में भी होता है खुशी का एहसास
याद आती है जब पिता की वो बात
मैं हूं ना तेरे साथ।
चिंता क्यूं करती है मैं हूं ना तेरे साथ।।
— ख्यालती टंडन