कविता

मैं लिखता रहा

मैं लिखता रहा
लिख-लिख मिटाता रहा ।

वक्त ने सताया
मैं सहता रहा
काल के माथ पर
लिखता रहा
लिख- लिख मिटाता रहा ।

कभी भाग्य
कभी समय को दोष देता रहा
मैं कर्मपथ पर चला
कभी गिरा
कभी उठा
और चलता रहा
मैं लिखता रहा
लिख- लिख मिटाता रहा ।

— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111

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