विज्ञान

गणित का इतिहास भी बड़ा निराला

यहां आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त,श्रीधराचार्य,भास्कराचार्य जैसे गणितज्ञ ने गणित के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
यहा प्रारंभिक काल से लेकर आधुनिक काल तक गणित का संपूर्ण विकास हुआ।
वैदिक काल में गणित की सबसे छोटी संख्या शून्य की खोज हुई , उत्तर वैदिक काल में शुल्व सूत्र की खोज हुईं।
और यही तक नहीं गणित का इतिहास आगे चलकर और विकसित हुआ।
पूर्व मध्यकाल में ज्या, कोटिज्या की खोज हुईं ,जिसका उल्लेख सूर्य सिद्धांत में भी मिलता हैं और मध्यकाल को तो भारतीय गणित का स्वर्ण काल कहा जाता हैं
ब्रह्मगुप्त जैसे गणितज्ञ ने क्षेत्रमिति के उच्च नियम, बीजगणित के बारे में बताया और इन भावी गणितज्ञ से प्रेरणा पाकर वर्तमान युग में रामानुजन जैसे गणितज्ञ हुए जिन्होंने गणित के विकास को एक नई दिशा दी।

— गंगा मांझी

गंगा मांझी

ग्वालियर, मध्य प्रदेश

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