बाल कविता

बाल कविता

मेरा लाडला तू सोना है
मेरे कलेजे का टुकड़ा है
तेरे बिन मेरा मन ना लगे
तू सारे जग में न्यारा है
तेरी चाले है ठुमक ठुमक
तेरी बोली है मीठी तोतली
तेरी मोहनी मूरत ऐसी
रूप मोहे बनवारी जैसे
तेरी छवि लगे प्यारे सबसे
तू है मेरे आंखों के तारे।

— विजया लक्ष्मी

*विजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।

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