मैं तुझसा नहीं बनना चाहती हूं
मां तू है ममता की मूरत , तुझसे मिलती है मेरी सूरत । तेरे आंचल में बीता बचपन , तुझसे
Read Moreमां तू है ममता की मूरत , तुझसे मिलती है मेरी सूरत । तेरे आंचल में बीता बचपन , तुझसे
Read Moreकुछ खोजती आँखे, बात करने का अलग ही अंदाज – जाने कब तुम से प्यार हो गया, खुद मुझको ही
Read Moreसूरज के चहूँ ओर, घूमें धरती। वैसे ही तुम… मेरी हर रचना का, केन्द्र बिन्दु बन जाते हो। हर लफ्ज,
Read Moreकुदरत का न्याय कभी जंगलों में घूमने, कंदमूल पर जीवन निर्वाह करने, प्रकृति की पूजा करने वाला मानव, साइंस और
Read More