बाल कहानी

मेहनत

मेहनत

शुरु से ही अपनी कक्षा में प्रथम आने वाली सोना आज उदास सी थी । घर आते ही बैग एक तरफ फेंका और बिन खाए पिए चुपचाप अपने कमरे में चली गई ।

“क्या हुआ मेरी सोना को” मम्मी ने प्यार से सोना के सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा ।

“कुछ नहीं ” अनमने ढंग से सोना बोली।

“आज तो सोना के मनपसंद राजमा चावल बने हैं” यह सुनते ही सोना के मुख पर एक निर्मल सी मुस्कान आ गई ।

“मम्मी मैं इतना पढ़ती हूं, फिर भी दूसरों के नंबर मुझसे ज्यादा ही आ रहे हैं। लगता है मेरा भाग्य ही खराब है” धीरे – धीरे सोना अपने मन का दुखड़ा खोलने लगी ।

“नहीं राजा बेटा, यह भी तो हो सकता है वो लोग तुझसे बहुत ज्यादा मेहनत करते हों” मम्मी प्यार से समझाते हुए बोलीं । “चल अब तेरे लिए एक टाइम – टेबल बनाते हैं और आज से तू उसी के मुताबिक पढ़ेगी।”

“ओके, आप की बात भी रख के देख लेते हैं ।” सोना ने कहा

कुछ दिन लगातार नियमित रुप से पढ़ाई का असर दिखने लगा। सोना के हर विषय में पूरे नंबर आए थे । वह समझ गई थी कि मेहनत से कोई भी अपना भाग्य बदल सकता है।

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed