हाइकु
घात लगाए कुटिल पाकिस्तान बाज न आए ! आकार लघु गंभीरता समेटे होते हाइकु ! गर्भ में कली डरती क्या
Read Moreचंचल रोमांच से भरपूर इठलाती हिलौरे मारतीं, अनवरत… नदी और नारी जब भी बड़ीं… रोकीं गईं । कभी … बाँध
Read Moreदशानन की तरह.. ओढ़ अनेकानन खुद का अस्तित्व छुपा जाते हो तुम क्या जतलाना चाहते हो ? दिल में छुपा
Read Moreमर्यादा की बेड़ियाँ… तोड़ती सड़ी-गली परम्पराएँ… पीछे छोड़ती । सदियों से बिछे हुए… जाल हटाती तोड़ चक्रव्यू… नये ख्वाब सजाती।
Read Moreबड़ी मुश्किल से जान बचा कर फटेहाल कपड़ों में मदारी माधो जैसे-तैसे घर पहुँचा था। उसकी हालत देख कर उसका
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