मधुमास
सावन भादो मुझको अब कुछ तेरे बिना नहीं भाए पिया । छनछन कर बजती है तुमको पास बुलाए पायलिया ।
Read Moreभारत माँ के लाल वतन पर हस कर जान लुटाते हैं। धरा धाम का कर्ज चुका कर ओढ तिरंगा आते
Read Moreव्रन्दावन में देखो कान्हा राधा तुमको ढूंढ रही क्रष्ण नाम की माला जपते गलियां गलियां घूम रही । तुमसे करती
Read Moreजब निगाहो का वार होता है जिस्म अक्सर शिकार होता है चैन आता नहीं कहीं पर भी तीर जब दिल
Read Moreहार किसकी हुई जीत किसकी हुई । जाना कोई नहीं प्रीत किसकी हुई । कोइ राधा बनी कोई मीरा हुई
Read Moreहर बार परीक्षा नारी क्यों दे, क्यों हर बार छली जाए । नित रोज नया रावण आकर सीता को क्यों
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