कविता

मधुमास

सावन भादो मुझको अब कुछ तेरे बिना नहीं भाए पिया ।

छनछन कर बजती है तुमको पास बुलाए पायलिया ।

तुमसे जो मैं दूर हुई दिल मैं चुभी है ऐसी फांस ।

लौट के तुम जो आ जाओ पतझड बन जाएगा मधुमास ।

तुम बिन हूँ मैं कितनी अकेली जीवन तुम बिन ये सूना ।

साथ तुम्हारा जो मिल जाए हर सुख हो जाए दूना ।

 

अनुपमा दीक्षित मयंक

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - adixit973@gmail.com