गीतिका/ग़ज़ल डॉ. अशोक "गुलशन" 09/01/202409/01/2024 गजल बहुत दिन हो गए आँखों में वो मंज़र नहीं आते,तुम्हारी याद के चेहरे हमारे घर नहीं आते। समय के साथ Read More
मुक्तक/दोहा डॉ. अशोक "गुलशन" 20/05/202020/05/2020 कोरोना पर कुछ दोहे पृथक् नहीं कोई रहे, सभी रहें संयुक्त जीवन भर हम सब रहे, कोरोना से मुक्त 1 कुछ ऐसा होवे जतन, Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. अशोक "गुलशन" 20/05/2020 ग़ज़ल कर्ज़ा लेकर गये बम्बई कर्ज़ा लेकर लौटे हैं, सूखे-सूखे गाल रुआँसा मुखड़ा लेकर लौटे हैं। पेट काटकर जमा किया जो Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. अशोक "गुलशन" 25/02/2020 ग़ज़ल आँख से बहती नदी है, क्या अज़ब दीवानगी है। चार दिन की दोस्ती है, चार दिन की ज़िन्दगी है। भूलना Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. अशोक "गुलशन" 18/02/202019/02/2020 ग़ज़ल कभी बैठकर कभी लेटकर चल कर रोये बाबू जी, घर की छत पर बैठ अकेले जमकर रोये बाबू जी। अपनों Read More