बादल
मैं घन,बादल कहलाता हूँ। सबको ही मैं नहलाता हूँ।। खारे सागर से जल भरता। नभ में ले जा मीठा करता।।
Read Moreनकली सोना असली सोने से कुछ ज़्यादा ही चमक का स्वामी होता है।लेकिन जब नकली से असली पीछे छूटने लगे
Read Moreअच्छा तो तुम जा रही हो ?अब कैसे कहें कि जाओ।और कैसे कहें कि मत जाओ। हम कुछ भी तो
Read Moreकौन कहता है कि यह कलयुग है? जी नहीं ,आपके कलों के युग कलयुग को प्लस्टिक ने अपने आगोश में
Read Moreईंटों से घर बना हमारा। विद्यालय भी बनता प्यारा।। मिट्टी को साँचे में भरते। सुघड़ ईंट का सर्जन करते।। भट्टे
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